नमस्कार पाठकवृंद, मेरा नाम आशीष कुमार है और कृपाशीष मेरी काव्य पहचान है। मैं कविश्रेष्ठ गोपालदास ‘नीरज’ की कर्मभूमि अलीगढ का रहने वाला हूँ। मेरे व्यक्तित्व में कविताओं का संस्कार कविवर रामधारी सिंह ‘दिनकर’, सुमित्रानंदन पंत और सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ सरीखे कवियों की श्रेष्ठ कविताओं की वज़ह से पड़ा।
मेरी शिक्षा-दीक्षा केन्द्रीय विद्यालय अलीगढ़ और केन्द्रीय विद्यालय पीतमपुरा, दिल्ली से हुई। केन्द्रीय विद्यालय पीतमपुरा, दिल्ली से मैंने वर्ष २०१२ में बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करी और उसी वर्ष मैंने धर्म-नगरी हरिद्धार स्थित गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में ऐ.आई.ई.ई.ई. के माध्यम से बी.टैक. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में प्रवेश पाया। वर्तमान में मैं अभियान्त्रिकी की इस शाखा के अध्ययन के द्धितीय वर्ष में हूँ।
विद्दुत अभियान्त्रिकी और कविताएँ लिखने के अलावा मेरी रूचि प्रबंधन के कार्यों में है। अवकाश के समय मुझे गंगा-तट पर टहलना पसन्द है। मुझे फुटबॉल और क्रिकेट खेलना पसन्द है।
व्याख्यान देने और विचारों को लेखनी के माध्यम से अभिव्यक्त करने की कलाएँ मुझे सभी कलाओं में विशेष लगती हैं। इसी कारण मैंने ब्लॉग लिखना शुरू किया है। मेरे ब्लॉग का नाम “कागज़ और पुखराज” है । इस ब्लॉग के माध्यम से मेरा लक्ष्य, कागज़ जैसे सरल और पुखराज जैसे कालजयी हिन्दी साहित्य के अस्तित्व का उत्सव मनाना है। आप सब भी इस उत्सव का हिस्सा बनें ऐसी मेरी हार्दिक कामना है।
impressive 🙂